Professor Ki Diary book

Professor Ki Diary book : माननीय श्री डॉ.लक्ष्मण यादव जी की आत्म कथा !”प्रोफेसर की डायरी” एक ऐसे नौजवान ने लिखी है,जो की आज़मगढ़ के एक पिछड़े किसान परिवार में पैदा हुआ और इलाहाबाद और दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ायी करने के बाद दिल्ली के एक कॉलेज में 14 साल अध्यापन करता है। इस किताब में लिखा है की यह किताब नोट्स और टिप्पणियों में अपने समय की तहकीकात करती है। जिसमें राजनीति और समाज की बहुत बड़ी-बड़ी घटनाएं सामिल है

पुस्तक का नाम : प्रोफेसर की डायरी

लेखक : डॉ. लक्ष्मण यादव

पृष्ठ : १५२

भाषा: हिन्दी

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(1) जब बात आती है रोमांचक कहानियों और गहरे विचारों की,

तो Professor Ki Diary book एक अद्वितीय साहित्यिक अनुभव प्रदान करता है। यह एक ऐसा संग्रह है जो हर रोज़मर्रा की ज़िन्दगी के रहस्यों, उत्सवों और उपहारों को खोजता है, जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

(2) यह एक अनूठी कहानी है,

Professor Ki Diary book जिसमें हम प्रोफ़ेसर के साथ उनके सोचने के ढंग की यात्रा पर जाते हैं। उनकी डायरी एक संग्रह है, जिसमें उनके विचार, अनुभव, और विशेष परिचय शामिल होते हैं। वे हमें अपनी दुनिया में ले जाते हैं, जहां रहस्य और सवालों का संगम होता है।

(3) Professor Ki Diary book,

न केवल एक कहानी है, बल्कि एक सोचने का अभ्यास है। यह हमें जीवन के उतार-चढ़ाव, प्रेरणादायक पलों, और स्वयं के अन्दर छिपे रहस्यों को समझने के लिए प्रेरित करता है। इस डायरी में हर पन्ना एक नई कहानी की ओर बढ़ता है, जो हमें विचारशीलता की गहराई में ले जाती है।

(4) यदि आप खुद को उत्साहित करना चाहते हैं,

अथवा सोचने और समझने के लिए नए दृष्टिकोण खोजना चाहते हैं, तो Professor Ki Diary book आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। इसका पठन आपको नई प्रेरणा और समझ के साथ प्राप्त होगा।इसलिए, लें एक यात्रा “Professor Ki Diary” के साथ, और खोजें उस अनछुए दुनिया को जो हर रोज़ हमारे सामने है, पर हम अक्सर नज़र अंदाज़ कर देते हैं।

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